राजकीय महाविद्यालय कुल्लू (हि. प्र.)

Government College Kullu (H.P.)

Co-Educational Institution, Affiliated to Sardar Patel University Mandi, Accreditted by NAAC Ministry of Education Govt. of India Grade B++

Department of Hindi

Name of the department : Hindi
Year of establishment(PG IN Hindi) : 2022-23
Name Of Courses offered : PG IN Hindi
No. of Teaching posts sanctioned : 06
No. of Teaching posts filled : 05

बी.ए प्रथम वर्ष ( अनिर्वाय हिन्दी) (प्रयोजनमूलक हिन्दी) HIND101

इकाई - 1

  • पत्र लेखन,
  • प्रारूपण
  • टिप्पण
  • प्रतिवेदन
  • पत्राचार-: अर्थ एवं प्रकार, व्यावहारिक पत्र लेखन, व्यावसायिक पत्र लेखन, सरकारी पत्र लेखन
  • अनुवाद : परिभाषा विशेषता, उपयोगिता

इकाई - 2

  • मुहावरे, लोकोक्तियाँ, अर्थ, परिभाषा
  • शब्द शुद्धि
  • वाक्य शुद्धि
  • शब्द ज्ञान तत्सम, तद्‌भव, देशज, विदेशी

इकाई - 3

  • पर्यायवाची एवं विलोम शब्द
  • अनेकार्थी वाक्यांश के लिए
  • देवनागरी लिपि अर्थ नामकरण विशेषताएँ, मानकीकरण सुधार के उपाय ।

इकाई - 4

  • कम्प्यूटर में हिन्दी का अनुप्रयोग । कम्प्यूटर की संरचना वर्तनी संशोधन इंटरनेट प्रणाली
  • पारिभाषिक शब्दावली
  • कार्यालयी हिन्दी और अनुवाद। विशेषताएँ अनुवाद प्रक्रिया समस्याए कठिनाइयाँ ।

लक्ष्य : उपरोक्त पाठ्यक्रम का लक्ष्य है विद्यार्थियों को एक बार फिर स्कूली शिक्षा के दौरान प्राप्त किए गए व्याकरणिक ज्ञान को स्मरण करना और भाषा को परिमार्जित करना।
इसके अतिरिक्त भविष्य के लिए विद्यार्थियों को उन क्षेत्रों के लिए तैयार करना जहाँ उनके लिए रोज़गार की संभावनाएं मौजूद होंगी ।
जहाँ एक और भाषा की बारीकियों को जानकर वे अभिव्यक्ति को बेहतर बना सकेंगे वहीं भावी रोजगार के क्षेत्रों में आने वाली कार्यालयी तकनीकी जानकारी को हासिल कर भविष्य की राह आसान बना सकेंगे ।
उपरोक्त पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को विभिन्न द्वारा प्रकार के परियोजना कार्य दिए जाते है जिनसे विद्यार्थी सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं।

हिन्दी पखबाड़े में पाठ्यक्रम पर आधारित गतिविधि

प्रतिवेदन (शोध पर आधारित), मेले त्योहारों पर आधारित गांव व रीति-रिवाजो पर आधारित

  • लोकोक्तियों के प्रयोग पर आधारित लेखों की प्रतियोगिता
  • सार्वजनिक पत्र लेखन जैसे- गाँधी जी के नाम खुला पत्र भगतसिंह के नाम खुला पत्र
  • लोकगाथाओं/ कथाओ के अनुवाद

उपरोक्त प्रतियोगिता से विद्यार्थियों की उत्साहवर्द्धक भागीदारी

मभ्यकालीन हिन्दी कविता HIND103

इकाई - 1

  • कबीर तथा सुरदास का व्यक्तित्व एवं कृतित्व : सामान्य परिचय, काव्यगत विशेषताएँ
  • कबीर की साखियाँ, गुरुदेव को अंग, कुसंगति को अंग, कस्तुरिया को अंग, कबीर के पद
  • सूरदास के पद : भ्रमरगीत सार

1, 2, 43, पद =, 111, 115- 354, 355, 387, 402

इकाई - 2

  • तुलसीदास तथा मीराबाई का व्यक्तित्व एवं कृतित्व, सामान्य परिचय काव्यगत विशेषताएँ
  • बालकांड, उत्तरकांड - 96, 106, विनयपत्रिका - 105, 11, 162
  • मीराबाई के पद- 5,17,18,19, 227 23 25, 41, 13, 158

इकाई - 3

  • रसखान तथा बिहारी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व, सामान्य परिचय काव्यगत विशेषताएँ
  • रसखान के पद
  • बिहारी के दोहे

इकाई - 4

  • भूषण और घनानन्द का व्यक्तित्व एवं कृतित्व, सामान्य परिचय काव्यगत विशेषताएँ
  • शिवराज भूषण (2-9 तक दोहे)
  • घनानन्द के छन्द (1-2 तक

लक्ष्य
उपरोक्त पाठ्‌यक्रम हिन्दी साहित्य के विद्यार्थियों को मध्यकाल में लिखी जा रही कविता व तत्कालीन कवियों के द्वारा अपने समय को दर्ज करने के पीछे के कारणो व प्रभावो को जानने का अवसर देती है। विद्यार्थी जानने में सक्षम होग कि वह इतिहास का कैसा दौर थार रचनाकार अपने समय को कैसे 8 सका कर रहे थे आज का विद्यार्थी उस दौर को वर्तमान संदर्भ में कैसे देखता है ?

परियोजना - उपरोक्त पाठ्यक्रम की बेहतर समझ बनाने की दृष्टि से विद्यार्थियों मे कविता को जीवन से जोड़ने व देश दुनिया को समझने की दृष्टि प्रदान करने के लिए उन्हें Assignment के रूप मे लोक में मौजूद - अशिक्षित, अज्ञात लोकगीतो के स्वयिताओं की 'रचनाओं का संकलन- परियोजना के रूप मे दिया गया। लोकरामायण के अंशो की खोज विभाग-हिन्दी पत्रिका) व संकलन - (प्रस्तावित पत्रिका ) सभी कविताओं के कठिन शब्दो के समकक्ष कुल्लवी लाहुली मंडयाली, पंगवाली, सिराजी शब्दों का संकलन (विभागीय पत्रिका हेतु एकत्रित)

हिन्दी पखवाड़े में - कविता पोस्टर' कार्यशाला
पाठ्यक्रम से जोड़कर परियोजनाओं से जहाँ मौलिक शोध कार्य के प्रति विद्यार्थियों में रुचि पैदा हुई वहीं वे साहित्य के माध्यम से अपने परिवेश के प्रति संवेदनात्मक व विश्लेषणात्मक दृष्टि पैदा करने की ओर प्रवृत हुए। पोस्टर जो कविताओं व चित्रकला के सामंजस्य से तैयार किए गए थे, हिन्दी विभाग के कक्षा में लगाए गए।

आधुनिक भारतीय साहित्य (GE-1) HIND307 बीए तृतीय वर्ष

इकाई - 1

  • स्वाधीनता संग्राम और भारतीय नवजागरण पर उसका प्रभाव
  • भारतीय साहित्य और राष्ट्रीयता

इकाई - 2

  • महात्मा गाँधी और महर्षि अरविंद का भारतीय साहित्य पर, प्रभाव
  • मार्कसवाद एवं अस्तित्ववाद का भारतीय साहित्य पर प्रभाव

इकाई - 3

  • अनंतमूर्ति: संस्कार उपन्यास
  • रवींद्रनाथ टैगोर गीतांजलि

इकाई - 4

विजय तेंदुलकर : घासीराम कोतवाल

लक्ष्य
उपरोक्त पाठ्यक्रम उन विद्यार्थियों के लिए जो हिंदी साहित्य स्नातक स्तर पर नहीं पढ़ते के लिए निर्धारित किया गया हैं।
पाठ्यक्रम में चार विचारधाराओं और चिंतकों के सिद्धान्तों के बारे में विद्यार्थी अपनी समझ विकसित कर सके और इन विचारधाराओं ने भारतीय साहित्य को किस प्रकार प्रभावित किया है यह जान सके और स्वयं पढ़कर अपना एक दृष्टिकोण विकसित कर सकें- यह पाठ्यक्रम का लक्ष्य है।
विद्यार्थियों से यह उम्मीद की जाती है कि वे अपनी एलाइन्मेंट्स इस प्रकार चुने कि उनके आधार पर वे मौलिक हो सकें पाठ्यक्रम के 'लेख लिखने की ओर प्रवृत सत्र के दौरान विद्यार्थियों को सभी विचारधारा के तुलनात्मक अध्ययन के बाद अपनी दृष्टि में क्या बदलाव हुआ, से सम्बन्धित लेख मांगे गए।
कुल्लवी संस्कार उपन्यास के आधार समाज व परिवेश में जो परम्पराएं या कट थोडे समाज को निर्धारित कर रही है उन पर आधारित परियोजनार दी गई।
टैगोर की गीतांजलि के आधार पर भारतीय संस्कृति, अध्यात्मवाद व विश्वबन्धुत्त / अन्तर्राष्ट्रीयतावाद पर परियोजनाएं दी गई। (विभागीय फाइल मे चूँकलित) विजय तेन्दुलकर के घावीराम कोतवाल नाटक को हिमपट प्रदेश विश्वविद्यालय की प्रतियोगिता हेतु तैयार करवाया गया जिसका गंपन विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत करके विद्यार्थियों व स्टान को दिखाया गया।
सभी विचारको के आप्त वाक्यों के पोस्टर ( दोनों को में प्रदर्शित) मौलिक लेखों के लिए विद्यार्थियों ने जहां एक ओर अपने अपने गावी मुहल्लों परिवारों के विभिन्न लोगों से सम्पर्क करके अपनी स्वयं की दृष्टि विकसित की वही पाठ्‌यक्रम को समुदाय के साथ जोड़कर जानने व सीखने का अवसर भी हासिल किया।

अनिवार्य हिन्दी - रचना पूज बीए द्वितीय वर्ष HIND 201

पद्य भाग

इकाई - 1

  • कबीर
  • घनानन्द
  • सूर्यकांत त्रिपाल निराला
  • बालकृष्ण शर्मा नवीन

इकाई - 2

  • अज्ञेय
  • मुक्तिबोध " धूमिल
  • कवि परिचय/ बहु-विकल्पी वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

इकाई - 3

गद्य भाग

  • ईदगाह (प्रेमचन्द)
  • मलबे का मालिक (मोहन राकेश)
  • अपना रास्ता लो बाबा (काशीनाथ सिंह) 11 दप्पन तोले का करचन (उदय प्रकाश

इकाई - 4

  • जीने की कला - महादेवी वर्मा)
  • नेता नहीं, नागरिक चाहिए (दिनकर)
  • अंगद का पाँव (श्रीलाल शुक्ल)

लेखक परिचय एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

लक्ष्य

उपरोक्त पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से पढ़ना है अतः वे विद्यार्थी जो दसवीं कक्षा के बाद साहित्य से दूर हो जाते हैं, को यह अवसर मिलता है कि वे कविता कहानी व निबन्धो के माध्यम से पठन-पाठन मे रुचि विकसित कर सके।

परियोजना

पाठ्यक्रम में चूंकि गद्य व पथ दोनो तरह की रचनाएं विद्यार्थी पढते हैं अत: उन्हें यहू उत्तसर प्रदान किया जाता है कि वे अपनी-अपनी रचनाओं के आधार पर अपने लिए विषय का चयन करें उन्हें मौलिक रचनाएं लिखने हेतु' कविता कोश' के ऑनलाइन लिंक द्वारा कविताओं सम्बन्धी अन्य रचनाएं पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है और स्वरचित ऐसी रचनाओं को 'हिन्दी पखवाड़े' में काव्यपाठ हेतु चयनित किया जाता है। कहानियों व विवयों में विद्यार्थियों को ईदगाह मलवे का मालिक, अपना रास्ता लो बाबा छप्पन तोले का करधन को क्रमशः। विद्यार्थी अपनी-2 एसाइमेट्स ईदगाह का पाठ अपने परिजनों के बीच करके उनके सम्बन्धित अनुभवों को दर्ज करते हैं। 1 मलवे का मालिक- देश के बंटवारे के दौरान हुए साम्प्रदायिक दंगों के कुल्लू पर पड़े असर के अनुभवों को दर्ज़ करते हैं।

"अपना रास्ता तो बाबा कहानी के आधार पर गाँव व शहरों के बीच पारिवारिक, एम्वधा तूटते रिश्तों पर लोगों के अनुभवो का दर्ज 'छप्पन तोले का करपन' के आधार पर 'जादुई रहस्यवाद। अर्यायवाद में आए प्रसंगों से मिलते-जुलते प्रसंगों की खोज व उनकी दर्ज करना उपरोक्त पाठ्यक्रम में निबन्धों में 'जीने की कला अपने आधार पर परिवेश में ऐसी कहानियाँ की खोज जिन्होंने संघर्ष से रहे बनाई दर्ज करते हैं।

स्किल एन्हांसमेंट कोर्स

अनुवाद विज्ञान HIND 206

इकाई - 1

  • अनुवाद, अर्थ, प्रकार, भाषातरण, प्रकार 'सारानुवाद / रूपांतरण में साम्य-वैकल कार्यालयी / साहित्यिक / ज्ञान-विज्ञान परक /विधिक वाणिज्यिक
  • अनुवाद के शिल्पगत भेद : भावानुवाद, छायानुवाद आशु अनुवाद, डविंग कम्प्यूटर अनुवाद

इकाई - 2

साहित्यिक अनुवाद के प्रमुख रूप - कथानुवाद नाट्य अनुवाद, काव्यानुवाद

  • अनुवाद में पर्यवेक्षण की भूमिका

इकाई - 3

  • वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली का अनुवाद। मुहावरों, लोकोक्तियों का संक्षिप्ताक्षरों कूटपदो आँचलिक शब्दों व्यंजनापरक लाक्षणिक पदों का के अभिलक्षण
  • अनुवाद की संपादन प्रविधि
  • अनुवादक की अर्हता और सफल अनुवाद के अभिलक्षण

इकाई - 4

  • विश्व भाषाओं की प्रमुख कृतियों के हिन्दी अनुवाद व हिन्दी की प्रमुख कृतियों के विश्व भाषाओं में किए गए अनुवाद
  • भारत मे अनुवाद प्रविधा के प्रमुख केन्द्र अनुवाद के राष्ट्रीय प्राधिकरण के गठन की
  • आवश्यकता हिन्दी अनुवाद का भविष्य

लक्ष्य

उपरोक्त पाठ्‌यक्रम के द्वारा वर्तमान समय में अनुवाद की जरूरत को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों मे 'अनुवाद कौशल का विकास करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि अपने विद्यार्थी जीवन मे ही वे उन बारीकियों को सीख सकें जो भविष्य में इसी क्षेत्र में रोजगार या अनुवाद विजन के क्षेत्र मे कार्य करने में सहायक सिद्ध हो।

परियोजनाएं

आने वाला समय अनुवादों का समय होगा, इस बात की संभावना को देखते हुए विद्यार्थियों को शुरुआती दौर मे लोक में यत्र-तत्र बिखरी लोकसाहित्य की विविध विधाओं की रचनाओं के संकलन का कार्य रूचि के अनुसार दिया गया। लोकगीतों, लोकगाथाओं, लोककथाओ, लोक सुभाषित व देव- मार्थाओं को एकत्र करने के बाद -विद्यार्थियों को हिन्दी में अनुवाद करने हेतु कक्षाओं में ही लिखने के लिए कहा गया। दो तीन ड्राफ्ट तैयार करने के बाद अनुवाद के लिए अपेक्षित तकनीकी ज्ञान की जानकारी देकर रचनाएँ विभाग में आगामी कक्षाओं में चर्चा हेतु रखी गई है।

सृजनालक लेखन के विविध आयाम (GE-2)

बीए तृतीय वर्ष

इकाई - 1

  • रिपोर्ताज अर्थ, स्वरूप विशेषताएँ, रिपोर्ताज लेखन परम्परा
  • 'मीट' आंदोलन पर आधारित रिपोर्ताज का नमूना प्रस्तुत कीजिए ,
  • फीचर, अभिप्राय, फीचर व समाचार तथा लेख मे अन्तर , 'फीचर लेखन की प्रक्रिया पर प्रकाश, पीचर विशेषताएँ
  • फीचर का अन्य गद्य विधाओं से अन्तर स्पष्ट करे, उदाहरण
  • सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण, खेलकूद विषयक फीचर ।

इकाई - 2

  • साक्षात्कार / भेटवार्ता - विभिन्न पहलओं पर प्रकाश
  • 191 समाचार पत्र / पत्रिका में साक्षात्कार - वति दोनों के गुण-दोषों पर प्रकाश डालें
  • साक्षात्कार लेखन की प्रविधि
  • फीचरपरक / प्रश्नोत्तर परक साक्षात्कार के उदाहरण
  • स्तम्भ लेखन से अभिप्राय/ आवश्यकता व महत्व
  • श्रेष्ठ सम्पादक के गुणों का उल्लेख / अच्छे सम्पादकीय के महत्वपूर्ण बिन्दुओं
  • स्तम्भ लेखन की विशेषताओं पर विचार करते हुए समाचार पत्र पत्रिका के स्थायी स्तम्भों पर प्रकाश डालें।

लक्ष्य

  • सृजन की क्षमता की पहचान के लक्ष्य से गैर- साहित्यिक विद्यार्थियों में रचनात्मक लेखन के प्रति रुचि पैदा करना
  • इस लक्ष्य के लिए बहुत सरल व सामान्य तरीकों से शुरुआती लेखन हेतु रिपोतीज/ साक्षात्कार फीचर आदि एक महत्वपूर्ण माध्यम

परियोजना

  • Assignment के रूप में
  • मेलो के रिपोर्ताज
  • दुर्घनाओं के
  • सांस्कृतिक आयोजनों के रिपोर्ताज

साक्षात्कार / भेटवार्ता के अन्तर्गत

  • परिवार के बुर्जुगों
  • किसानों/ मज़दूरों / स्त्रियों
  • संघर्ष की कहानियों के अन्तर्गत

फीचर के अन्तर्गत

  • शोधपरक फीचर में लोक साहित्य की विविध विधाओं
  • दुर्घटनाओं / घटनाओं ( संकलित)
  • सामाजिक/सांस्कृतिक/आर्थिक/पर्यावरय विषयों में फीचर लेखन (संकलित

उपरोक्त पाठ्यक्रम 2022-23 में पहाणा व सभी परियोजनाएं विभागीय अलमीरी में फाइल मे संकलित

बी. ए. प्रथम वर्ष

हिन्दी साहित्य का इतिहास

इकाई - 1

  • काल विभाजन संग नामकरण, आदिकालीन काव्यधाराएं : सिद्ध, नाध और जैन
  • प्रमुख रासो काव्य
  • आदिकालीन हिन्दी साहित्य। सामान्य विशेषताएं

इकाई - 2

  • भक्ति आदोलन : सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
  • प्रमुख निर्गुण कति, प्रमुख सगुण कवि
  • भक्तिकाल / सामान्य विशेषताएं

इकाई - 3

  • रीतिकाल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
  • रीतिबद्ध
  • रीतिसिद्ध तथा रीतियुक्त कवि

इकाई - 4

  • 1857 संस्वतन्त्रता संघर्ष, हिन्दी नवजागरण, भारतेन्दु युगीन साहित्य की विशेषताएं
  • महावीर प्रसाद द्विवेदी और उनका युग, द्विवेदी युग के गाय लेखक एवं करते
  • मैथिलीशरण गुप्त और राष्ट्रीय काव्य धारा
  • छायावाद प्रगतिवाद
  • प्रयोगवाद
  • नई कविता

हिन्दी में गद्य विधाओं का उद्भव और विकास उपन्यास, कहानी, नाटक, निबन्ध

लक्ष्य

उपरोक्त पाठयक्रम का लक्ष्य विद्यार्थियों को हिन्दी साहित्य के इतिहास की जानकारी उपलब्ध करवाना । साथ में तत्कालीन परिस्थितियों की जानकारी उपलब्ध करवाना आधुनिक काल में 1857 के स्वतंत्रता संघर्ष को गद्य और पद्य के माध्यम से परिचित करवाना तथा विद्यार्थियों को गद्य विधाओं (उपन्यास, कहानी, नाटक, निबन्ध) आदि से परिचित करवाना तथा महान् कवियो की कृतियों की जानकारी उपलब्ध करवाना । राष्ट्र और समाज के हित में साहित्य के योगदान की जानकारी उपलब्ध करवाना पाठ्‌यक्रम का लक्ष्य है ।

हिन्दी गद्य साहित्य HIND203

इकाई - 1

  • जनेन्द्र कुमार का व्यक्तित्व एव कृतित्व
  • त्यागपत्र उपन्यास / पाठपरक अध्ययन और तात्विक समीक्षा
  • प्रेमचन्द्र का व्यक्तित्व एव कृतित्व

इकाई - 2

  • जयशंकर प्रसाद का व्यक्तित्व एव कृतित्व
  • यशपाल का व्यक्तित्व एव कृतित्व
  • उषा प्रियवंदा का व्यक्तित्व एव कृतित्व
  • प्रेमचन्द्र का व्यक्तित्व एव कृतित्व
  • जयशंकर प्रसाद का व्यक्तित्व एव कृतित्व
  • नमक का दरोगा, आकाशदीप, यशपाल, उषा प्रियवंदा, परदा, वापसी कहानी की तात्विक समीक्षा

इकाई - 3

  • रामचन्द्र शुक्ल और हजारीप्रसाद द्विवेदी का व्यक्तित्व/ कृतित्व
  • लोभ एवं प्रीति और कुटज निबंध का पाठपरक अध्ययन और तात्विक समीक्षा

इकाई - 4

  • प्रभा खेतान, महादेवी वर्मा और प्रभा खेतान का व्यक्तित्व/ कृतित्व
  • संस्कृति और शिक्षा भूमण्डलीकरण निबंध का पाठपरक अध्ययन और तात्विक समीक्षा

लक्ष्य

उपन्यास मानव जीवन का एक दस्तावेज है। हिंन्दी गा साहित्य का लक्ष्य ही उपन्यास के माध्यम से समाज की विसंगतियो को उजागर करना। इसी प्रकार कहानी के माध्यम से समाज मे जो समस्याएँ है उनके दर्शन करवाना तथा उनके प्रति विद्यार्थियों को जागरुक करना। इसी के साथ निबन्धों के माध्यम से विविध (सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक) विषयों की जानकारी उपलब्ध करवाना।

परियोजना

  • मुंशी प्रेमचन्द, जयशंकर प्रसाद, यशपाल एवं ऊषा प्रियंवदा की पाठ्यक्रम के अलावा अन्य कहानी पढ़ना और उन पर समीक्षा करना
  • उपन्यासों में नारीवादी आन्दोलन की पृष्ठभूमि – वैश्विक सन्दर्भ में इतिहास की जानकारी पर आलेख
  • पाठ्यक्रम में निर्धारित निबन्धों के अलावा अन्य निबन्ध पढ़ने के लिए दिए गए और उन पर सार लिखने के लिए दिए गए।

आधुनिक हिन्दी कविता HIND-202

इकाई - 1

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध व्यक्तित्व / कृतित्व काव्यगत विशेषताएँ
भारतेन्दु हरिचन्द्र : कविताएँ, भारत दुर्दशा, वर्षा विनोद, प्रेम मालिका ,प्रेमाणु वर्षण
अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध': कविताएं : प्रिय प्रवास, दुखिया के आँसू, एक बूँद काँटा और फूल

इकाई - 2

मैथिली शरण गुप्त तथा जयशंकर प्रसाद व्यक्तित्व / कृतित्व एवं काव्यगत विशेषताएँ
मैथिलीशरण गुप्त : कविताएं
भारत भारती, मातृभूमि, आशा, सन्देश

जयशंकर प्रसाद : कविताएं
ले चल वहाँ भूलावा देकर, बीती विभावरी जाग री, अरुण यह मधुमय देश हमारा, हृदय का सौन्दर्य

इकाई - 3

सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' व्यक्तित्व/कृतित्व काव्यगत विशेषताएँ
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला : कवितायें
वर दे बीणा वादिनी वर दे, तोड़ती पत्थर, स्नेह निर्झर वह गया है, विधवा

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' : कविताएँ
उड़ चल, हारिल , साँप, कलगी बाजरे की , नया कवित: आत्म स्वीकार

इकाई - 4

नागार्जुन और नरेश मेहता का व्यक्तित्व/कृतित्व काव्यगत विशेषताएँ
नागार्जुन : कविताएँ
यह दन्तुरित मुस्कान, प्रेत का बयान

लक्ष्य

उपरोक्त पाठ्यक्रम का लक्ष्य विद्यार्थियों में आधुनिक हिन्दी कविता की जानकारी देना तथा कविता के माध्यम से देश की सामाजिक सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के दर्शन करवाना। साथ में समाज के विभिन्न विषयों पर चिन्तन करना । व्यंग्य के माध्यम से अत्याचार जैसी समस्याओं को उजागर करना। आधुनिक हिन्दी कविता में कवि आत्मस्वीकार के माध्यम से विद्यार्थियों में सोचने समझने की पैदा करता है।
नरेश मेहता : कविताएँ
तीर्थ जल, पीले फूल कनेर के मेघ मैं

परियोजना

कविता कोश में जाकर सम्बन्धित कवियों की कविताओं के समकक्ष उन्ही विषयों पर आधारित अन्य कविताओं को पढ़ने के लिए कहा गया पाठ्यक्रम की रचनाओं के साथ तुलनात्मक अध्ययन करवाया गया ।

रंग आलेख एवं रंगमंच बी० ए० तृतीय वर्ष (HIND-501)

इकाई - 1

  • नाटक के प्रमुख प्रकार और उनका रचना विधान पूर्णांकी, एकांकी, लोकनाटक, प्रहसन, काल्पनाटक, मुक्कड़ नाटक, प्रतीकनाटक, भावनाटक, पाठ्पनाटक, रेडियो नाटक, टी०वी० नाटक

इकाई - 2

  • हिन्दी नाट्यशास्त्र और नाट्य लेखन का इतिहास हिन्दी नाटक की प्रमुख प्रवृतियाँ सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, समस्यामूलक तथा एब्सर्ड नाटक

इकाई - 3

  • हिन्दी के प्रमुख नाटक और नाटककार। हिन्दी रंगमंच के प्रमुख रूप - शौकिया मंच व्यावसायिक मंच, सरकारी मंच । हिन्दी क्षेत्र की प्रसिद्ध रंगशालाएं तथा संस्थाएं ।

इकाई - 4

  • रंग शिन्य प्रशिक्षण, रंग स्थापत्य, रंग सज्जा, रंग दीपन, ध्वनि व्यवस्था एवं प्रसाधन, 'निर्देशन एवं अभिनय । रंगमंचीय भाषा की संस्थाएँ ।
  • रंग आलेन की प्रविधि वस्तुविधान, पात्र परिकल्पना, परिस्थिति योजना, संवाद लेखन का वैशिष्ट्य, रंग निर्देशों की उपयोगिता।
  • रंग समीक्षा का महत्व।

लक्ष्य

  • विद्यार्थियों को रंगमंच की जानकारी प्रदान करना ।
  • नाटक के प्रति रुझान पैदा करना।
  • नाटक सामाजिक बदलाव में किस तरह अपनी भूमिका अदा करते हैं इस बात से अवगत करवाना।

परियोजना

  • लोक नाटकों का संग्रह किया गया।
  • कोरोना काल में लोकनाट्यों पर क्या प्रभाव पड़ा उससे सम्बंधित अध्ययन करने के लिए कहा गया।

समाचार संकलन और लेखन बी० ए० तृतीय वर्ष

(SEC-4) [HIND-304)

इकाई - 1

  • समाचार : अवधारणा, परिभाषा, बुनियादी तत्व, समाचार और संवाद, संरचना। घटक, समाचार मूल्य, समाचार के स्त्रोत् ।
  • समाचार संग्रह पद्धति और लेखन - प्रक्रिया: सिद्धांत और मार्गदर्शक बातें। विकासशील और जनरुचि की दृष्टियाँ।

इकाई - 2

  • समाचार का वर्गीकरण। खोजी, व्याख्यात्मक, अनुवर्तन समाचार
  • संवाददाता : भूमिका, अर्हता, श्रेणियाँ, प्रकार्य एवं व्यवहार-संहिता ।
  • रिपोर्टिंग के क्षेत्र और प्रकार : विधायिका, न्यायपालिका. मंत्रालय और प्रशासन, विदेश, रक्षा, राजनीति, अपराध और न्यायालय, दुर्घटना एवं नैसर्गिक आपदा, ग्रामीण, कृषि, विकास, अर्थ एवं वाणिज्य, बैठकें एवं सम्मेलन, संगोष्ठी, पत्रकार वार्ता, साहित्य एवं संस्कृति, विज्ञान अनुसंधान एवं तकनीकी विषय, खेलकुद, पर्यावरण मानवाधिकार और अन्य सामाजिक विषय और क्षेत्रों से सम्बंधित रिपोर्टिंग ।

इकाई - 3

  • इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से प्राप्त समाचारों का पुनर्लेखन ।
  • लीड : अर्थ, प्रकार, विशेषता, महत्त्व

इकाई - 4

  • इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से प्राप्त समाचारों का पुनर्लेखन।
  • शीर्षक: अर्थ प्रकार लिखने की कला, महत्व व रिपोटिंग: कला और विज्ञान के रूप में विश्लेषण, वस्तुपरकता और भाषा-शैली।

लक्ष्य

  • लोकतंत्र में पत्रकारिकता की भूमिका से विद्यार्थियों को अवगत करवाना
  • पत्रकारिता के क्षेत्र में विद्यार्थियों में रुझान पैदा करना।

परियोजना

  • पंचायती राज व्यवस्था में कार्य कर रहे प्रतिनिधियों के साक्षात्कार
  • महाविद्यालय के प्राध्यापकों से कोरोना काल में शिक्षा पर पडे प्रभाव से सम्बंधित साक्षात्कार

लोक साहित्य [HIND-305] बीए तृतीय वर्ष

इकाई - 1

लोक साहित्य - परिभाषा एवं स्वरूप, लोक साहित्य के विशिष्ठ अध्येता, लोक संस्कृति- अवधारणा, लोक संस्कृति और साहित्य, लोक साहित्य के अध्ययन की प्रक्रिया, लोक"साहित्य के संकलन की समस्याएँ ।
लोक साहित्य के प्रमुख रूप - लोक गीत, लोक नाट्य, लोक कथा, लोकगाथा और लोकोक्ति ।

इकाई - 2

  • लोकगीत
  • संस्कार गीत
  • व्रतगीत
  • श्रम परिहार गीत
  • ऋतुगीत

इकाई - 3

  • लोकनाट्य
  • रामलीला
  • स्वांग
  • यक्षगान
  • भवाई.
  • माच
  • तमाशा
  • नौटंकी
  • जात्रा
  • कथकली

इकाई - 3

लोककथा : परी कथा, नाग कथा, वोधकथा,
कथानक रूढियां एवं अभिप्राय , लोककथा निर्माण में अभिप्राय
लोककथा - लोककथा की भारतीय परम्परा, लोक गाथा की सामान्य प्रवृतियाँ, लोककथा प्रस्तुति।

इकाई - 4

प्रसिद्ध लोकगाथाएँ - भरथरी (राजा भर्तृहरि), गूगा गाथा, गढ़ मलोण, मदना की हार, महासती सूरमी, मोहणा, नूरपुर का राजा, जगत सिंह, सुन्नी भूंक, कुंजू-चंचलो, रानी सुनैना।

लक्ष्य

  • लुप्त प्रायः लोक साहित्य की विभिन्न विधाओं से विद्यार्थियों को अवगत कराना और संग्रह के लिए जागरूक करना।
  • क्षेत्रीय लोक संस्कृति से अन्य क्षेत्रीय लोक साहित्य विभिन्नता और समानताएँ खोजने के लिए अध्ययन हेतु तैयार करना। तुलनात्मक अध्ययन हेतु तैयार करना।

परियोजना

लोकगीतो और लोक सुभाषित को संगृहीत करना।

RUPA DEVI

Assistant Professor

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Kanchan Kumari

AP

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Dr. Hem Raj

Assistant Professor

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Gopi Devi

AP

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Sangeeta Devi

Assistant Professor

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2023-24

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हिन्दी दिवस 2023

2021-22

हिंदी पखबाडा 2021

2020-21

ऑनलाइन हिंदी सप्ताह 2020-21

हिंदी सप्ताह 2020

2019-20

पौध रोपण 2020

हिंदी पखबाडा 2019

2023-24
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UG HINDI SYLLABUS 2023-24   Download
2022-23
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M.A. Hindi syllabus CBCS w.e.f. 2022-23   Download
2023-24
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Student progression Report 2023-24   Download

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